इस्तांबुल। तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप का कहर सैकड़ों जिदंगियों पर टूटा हैं। तुर्की आपदा और आपाताकालीन प्रबंधन एजेंसी ने जानकारी दी है कि 7.8 तीव्रता वाले भूकंप में कम से कम 76 लोगों की मौत हुई है। वहीं तुर्की के अधिकारियों ने बताया है कि करीब 284 लोगों की मौत हो गई है। वहीं 440 लोग घायल हुए हैं। सीरिया के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि सरकार के नियंत्रण वाले इलाकों में कम से कम 237 लोगों की मौत हो गई है। जानकारी दी गई कि अलेप्पो, लताकिया, हामा और टार्टस में 600 से ज्यादा लोग घायल हैं। इस लिहाज से तुर्की और सीरिया को मिलाकर मौत का कुल आंकड़ा 500 के पार पहुंच गया है। आशंका हैं कि संख्या में और इजाफा भी हो सकता है। भूकंप के झटके काहिरा तक महसूस हुए। इसका केंद्र सीरियाई सीमा से करीब 90 किलोमीटर दूर में गजियांतेप शहर के उत्तर में था। 
तुर्कि के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने कर भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए ‘‘ खोज एवं बचाव दलों को तुरंत रवाना कर दिया गया है। उन्होंने कहा, हम उम्मीद करते हैं कि जानमाल के कम से कम नुकसान के साथ हम आपदा से मिलकर बाहर निकले। भूकंप के बाद करीब छह झटके महसूस किए गए। गृह मंत्री सुलेमान सोयलू ने लोगों से क्षतिग्रस्त इमारतों में जाने से बचने को कहा है। उन्होंने कहा, हमारी प्राथमिकता इमारतों के मलबे में फंसे लोगों को निकालना और उन्हें सुरक्षित अस्पताल पहुंचाना है।
तुर्की की आपदा एवं आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने पहले बताया था कि सात तुर्की प्रांतों में कम से कम 76 लोग की मौत हो गई, जबकि 440 लोग घायल हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का हवाला देकर सीरियाई सरकारी मीडिया ने बताया कि सोमवार को आए भूकंप से सीरिया में 99 लोगों की मौत हुई है, जबकि कम करीब 334 लोग घायल हुए हैं। तुर्कि के मालात्या प्रांत के गवर्नर हुलुसी साहिन ने बताया कि करीब 130 इमारतें ढह गईं। दियारबाकिर शहर में कम से कम 15 इमारतें ढही हैं। उत्तर पश्चिम सीरिया में विपक्ष के ‘सीरियन सिविल डिफेंस ने विद्रोहियों के कब्जे वाले क्षेत्र में स्थिति को ‘‘विनाशकारी बताकर कहा कि इमारतें ढहने से कई लोग मलबे में दब गए हैं। ‘सीरियन सिविल डिफेंस ने लोगों से इमारतों से बाहर खुले स्थान पर रहने को कहा है।
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, भूकंप का केंद्र गजियांतेप से करीब 33 किलोमीटर दूर 18 किलोमीटर की गहराई पर था। प्रांतों में इसके झटके महसूस किए गए। भूकंप उस समय में आया है, जब पश्चिम एशिया बर्फीले तूफान की चपेट में है, जिसके गुरुवार तक जारी रहने के आसार हैं। उत्तर-पश्चिम तुर्कि में 1999 में आए शक्तिशाली भूकंप में करीब 18,000 लोग मारे गए थे। 
जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) के अनुसार मध्य तुर्की में 10 किमी की गहराई में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया है। तुर्की के डिजास्टर एंड इमरजेंसी मैनेजमेंट अथॉरिटी (एएफएडी) ने बताया कि भूकंप एक मिनट तक महसूस किया गया। 
भूंकप की घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख, हरसंभव मदद की बात कही 
तुर्की और सीरिया में आए भीषण भूकंप की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया है। उन्होंने कहा कि भारत, तुर्की के साथ खड़ा है। साथ ही हर संभव मदद का भरोसा दिया है। पीएम मोदी ने कहा, इस समय तुर्की में आए भूकंप पर हम सभी की दृष्टि बनी हुई है। कई लोगों की मृत्यु और काफी नुकसान की खबरें हैं। तुर्की के आसपास के देशों में भी नुकसान की आशंका है। भारत भूकंप पीड़ितों की हर संभव मदद के लिए तत्पर हैं। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे ने आशंका जाहिर की है, कि तुर्की और सीरिया में मौत का आंकड़ा एक हजार के पार जा सकता है।